देश के जवानों की शहादत के बीच प्रधानमंत्री मोदी का भाजपा कार्यालय में जश्न मनाना शर्म की बात- कांग्रेस

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देश के जवानों की शहादत के बीच प्रधानमंत्री मोदी का भाजपा कार्यालय में जश्न मनाना शर्म की बात- कांग्रेस

जम्मू-कश्मीर में देश के वीर सपूत अपना बलिदान दे रहे थे, उस समय हमारे पीएम मोदी अपना महिमामंडन करवा रहे थे

प्रधानमंत्री मोदी ने बेशर्मी की मिसाल दी है – कॉग्रेस

नई दिल्ली राजधानी सदेश 14 सितंबर

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए सेना के कर्नल, मेजर और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी की शहादत पर कांग्रेस पार्टी ने गहरा दुःख जताया है। गुरुवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में भारत माता के इन वीर सपूतों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। कांग्रेस ने वीर सपूतों की शहादत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाजपा कार्यालय में जश्न मनाने पर सवाल उठाते हुए इसे असंवेदनशील बताया है।
गुरुवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर निशाना साधा। इस दौरान उनके साथ कर्नल प्रमोद कुमार शर्मा और कर्नल विजय कुमार भी मौजूद थे।

प्रेस वार्ता में कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में देश के तीन जांबाज शहीद हो गए। जब हमारे साथी देश के लिए अपना बलिदान दे रहे थे, उस समय प्रधानमंत्री मोदी अपना महिमामंडन करवा रहे थे। भाजपा कार्यालय में प्रधानमंत्री मोदी पर फूलों की बरसात हो रही थी, वहीं दूसरी तरफ हमारे जवान गोलियों से छलनी हो रहे थे। यह सोचकर आश्चर्य होता है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं को अपने देशभक्त सैनिकों की याद नहीं आई? ये कैसे प्रधानमंत्री हैं, जो खुद को देशभक्त कहते हैं, लेकिन सैनिकों की शहादत का सम्मान न कर, उनकी अवहेलना कर रहे हैं। ये शर्म की बात है।
कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बेशर्मी की मिसाल दी है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। साल 2019 में भी पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें देश के 40 जवान शहीद हो गए थे। लेकिन मोदी जी उस दिन भी अपना महिमामंडन कर रहे थे, एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग कर रहे थे। हमारे सैनिकों का खून बह रहा था, लेकिन मोदी जी की शूटिंग नहीं रुकी।
कर्नल रोहित चौधरी ने कहा कि इस साल करीब 30 से ज्यादा आतंकी हमले हुए हैं और काफी सैनिकों ने अपनी जान गंवाई हैं। क्या ये सही है कि सैनिक देश के लिए अपना खून बहाते रहें और प्रधानमंत्री बेरुखी दिखाते रहें? मोदी जी आप किस चीज का जश्न मना रहे थे, आपने ऐसा क्या काम किया था? आप अपने ही लोगों के बीच अपना महिमामंडन क्यों कर रहे थे?

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रमेश जयराम ने राहुल गांधी की एक वीडियो को शेयर करते हुए ट्वीट किया

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 24 जनवरी को @RahulGandhi जम्मू के झज्जर कोटली में लद्दाख के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले थे। उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोग चाहते थे कि वह लद्दाख आएं।
उन्होंने पिछले महीने अपना वादा पूरा किया। भारत जोड़ो यात्रा को आगे बढ़ाते हुए वह लद्दाख गए। यह उसी दौरे की वीडियो है।

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कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन बोले महिलाएं हैं शक्ति का प्रतीक

राजधानी सदेश

भारत में महिलाएं शक्ति का प्रतीक हैं। ,आज़ादी की लड़ाई से लेकर अंतरिक्ष की उड़ान तक भारतीय महिलाओं ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है।
महिला कांग्रेस का दायित्व है कि वे सड़क से लेकर संसद तक हमारी आधी आबादी की आवाज़ और मज़बूत करें, और महँगाई, महिला असुरक्षा, बेरोज़गारी, सामाजिक शोषण, असामनता जैसे मुद्दों के ख़िलाफ़ लड़तीं रहें।
40वें महिला कांग्रेस स्थापना दिवस पर सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्त्ताओं को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं।

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का हैदराबाद एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत।
यहां पर वे कांग्रेस वर्किंग कमेटी की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेंगे।

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कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की शुरुआती टिप्पणियां
16 सितंबर, 2023  सोनिया गांधी राहुल व अन्य
उपस्थित नेतागण, और नये चुने गए CWC के साथी

नवगठित CWC की बैठक में आप सबका स्वागत है। नई CWC 20 अगस्त 2023 को बनी, जिसकी पहली बैठक हैदराबाद में एक ऐतिहासिक मौके पर हो रही है। इसके लिए तेलंगाना के साथियों को मैं बधाई देता हूं।
17 सितंबर 1948 को हैदराबाद को मुक्ति मिली। देश की आजादी के 13 महीने के बाद ये इलाका आजाद हुआ।
इसलिए कल हमारी extended CWC की बैठक और जनसभा भी हैं। हैदराबाद में 1953, 1968 और 2006 में हमारे ऐतिहासिक कांग्रेस महाधिवेशन भी हुए हैं।
इस मौके पर मैं पंडित नेहरू और सरदार पटेल साहेब को नमन करता हूं, जिनकी इच्छाशक्ति के कारण हैदराबाद liberate हुआ। यहां के उन कांग्रेस नायकों को याद करता हूं जिन्होंने लंबा संघर्ष किया, जेलों में यातनाएं सहीं, प्राणों का बलिदान दिया।
आज बैठक में देश के हर हिस्से के नेताओं की मौजूदगी है। हमारे social fabric की झलक यहां दिखती है।
उदयपुर संकल्प के तहत हमने अपनी CWC में कमजोर तबकों, नौजवानों और महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व दिया हैं।
हमारे बीच हर तरह के नेता मौजूद हैं। कुछ ऐसे हैं जिनके पास संगठन और सरकार का बड़ा अनुभव है। कुछ गहरे राजनीतिक-सामाजिक अनुभव वाले हैं और कुछ ऐसे हैं जिनके पास लंबा संसदीय अनुभव है।
इस बैठक में सबसे पहले मैं 25 वर्षों से अधिक समय तक कांग्रेस को नेतृत्व देने वाली CPP चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी के प्रति विशेष आभार व्यक्त करता हूँ।
सोनिया गाधी ने 1998 में कठिन दौर में कांग्रेस को संभाला। उनका कमिटमेंट, त्याग और उनकी महान सोच हम सबके लिए बहुत बड़ी inspiration है।
यहां मैं यह भी कहना चाहूंगा कि हम जिस तेलंगाना की राजधानी में बैठे हैं, उसे राज्य बनाने का काम भी सोनिया की कोशिशों की वजह से हुआ है।
हम उनको भरोसा दिलाते हैं कि जल्दी ही दूसरे राज्यों के साथ तेलंगाना में भी हमारी सरकार बनेगी, जिससे हम तेलंगाना की जनता के सपनों को साकार करेंगे।
मैं राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकली 4,000 KM लंबी ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा का भी उल्लेख खास तौर पर करूंगा।
भारत जोड़ो यात्रा में ग़रीब, वंचित, महिला, युवा, किसान, intellectuals, फ़ौजी और सभी वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस यात्रा से राहुल ने लोगों की आवाज़ बुलंद की और उनके बीच मोहब्बत और भाईचारे का संदेश भी दिया। जिससे पार्टी को नयी ऊर्जा मिली। उनके बोले शब्द ‘नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ आज दुनिया भर में आम जनता की आबाज बन गई है।
आज CWC में मैं हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक PCC के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल से बधाई देता हूं, जिन्होंने रात दिन मेहनत करके, सभी विरोधी ताकतों का मुकाबला करते हुए सरकार बनायी।
छत्तीसगढ़ के सभी साथियों को भी बधाई देता हूं जिन्होंने ऐतिहासिक महाधिवेशन में बहुत परिश्रम किया।
आज की बैठक में हम लोग मुख्य रूप से मौजूदा राजनीतिक हालात पर विचार करेंगे।
आप जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी 10 सालों से केंद्र में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है। देश की आम जनता के हक़ में कांग्रेस ने मोदी सरकार को कई महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने के लिए मजबूर भी किया।
आज देश कई गंभीर आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है।
मणिपुर की दिल दहला देनेवाली घटनाओं को पूरी दुनिया ने देखा। 3 मई 2023 से वहां हिंसा आज भी जारी है। मणिपुर की आग को मोदी सरकार ने हरियाणा में नूँह (NUH) तक पहुंचने दिया। यहां हिंसा की वारदातें हुईं, जिस कारण राजस्थान, UP और दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला।
ये घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती हैं। ऐसे हालात में सत्ताधारी दल, सांप्रदायिक संगठन और मीडिया का एक वर्ग, आग में घी डालने का काम करता है।
देश का “सर्वधर्म समभाव” बिगाड़ता है। हमें मिलकर ऐसी ताक़तों को IDENTIFY करके बेनक़ाब करते रहना है।
हमारी अर्थव्यवस्था आज गंभीर खतरे में है। महंगाई से गरीबों और आम लोगों के जीवन पर संकट है।
पिछले 5 सालों में एक साधारण थाली की क़ीमत 65% बढ़ गयी है। 74% लोग पौष्टिक आहार से वंचित हैं। दाल की कीमत एक साल में 37% (सैंतीस) तक बढ गयी है।
हमारी देश में 65% आबादी नौजवान हैं। रिकॉर्ड Unemployment Rate, उनके सपनों को लगातार रौंद रही है। युवाओं का भविष्य अँधकार में है।
विचार करने की जरूरत है कि आज देश के top 1% सबसे अमीर लोगों के कब्जे में देश की 40% दौलत है, वहीं निचले 50% जनता के पास सिर्फ़ 3% दौलत है। सरकारी नीतियों के कारण अमीर और अमीर हो रहे हैं जबकि गरीब और गरीब हो रहा है। उनके बीच की खाई लगातार और गहरी हो रही है।
इससे सामाजिक असंतोष और तनाव पैदा हो रहा है। ऐसी दशा सामाजिक-आर्थिक तरक्की की रफ्तार पर ब्रेक लगाती है।
केंद्र सरकार Data की हेराफ़ेरी कर रही है। 2021 का Census न कराने से 14 करोड़ लोग Food Security Act से और करीब 18% लोग मनरेगा से बाहर हो गये। मनरेगा की मजदूरी महीनों PENDING रहती है।
हमारी मांग है कि 2021 Census की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाये। उसके साथ ही जातिगत जनगणना भी करायी जाए, ताकि समाज के ज़रूरतमंद तबके को Health, Education, Employment, Food Security समेत दूसरे हक मिल सकें।
आजादी के बाद बनी देश की बहुमूल्य PSUs को मोदी सरकार चंद पूँजीपति मित्रों के हवाले कर रही है। उनके फ़ायदे के लिए नीतियां बदली जा रही हैं, उनके हक के कानून बन रहे हैं।
पिछले दिनों PM के करीबी कारोबारी की कंपनियों में 20,000 हज़ार करोड़ रुपए का शेल कंपनियों द्वारा निवेश हुआ। इसका पर्दाफ़ाश होने पर भी मोदी सरकार जांच नहीं करा रही है। सारे बड़े घोटालों पर सरकार मौन है, परदा डाल रही है।
राहुल जी की extended ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत लद्दाख में BJP के स्थानीय नेताओं ने उनको बताया कि चीन भारतीय हिस्से पर कैसे कब्जा कर रहा है।
लेकिन मोदी सरकार चीन को लगातार क्लीन-चिट देती जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ऐसी लापरवाही बेहद निंदनीय है।
पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भयावह प्राकृतिक त्रासदी आई। हमारी मांग है कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर केंद्र सरकार जरूरी मदद करे और पुनर्निर्माण में सहयोग दे।
कई राज्य सूखे से जूझ रहें हैं। भारत सरकार अपने-पराये की राजनीति से हट कर किसानों-मजदूरों की मदद करे।
जब भी विपक्षी दल इन बुनियादी मसलों को उठाते हैं तो सरकार जवाब देने की जगह नये नये हथकन्डे अपनाते हुए नए नारे देती है। “आत्मनिर्भर भारत”, ‘5 trillion economy’, ‘New India 2022’ और “अमृतकाल” नारा दिया गया।
आजकल “3rd largest economy” का सपना सरकार बेच रही है। नारों से देश की तरक़्क़ी नहीं होगी।
हमें जनता को समझाना होगा कि ये विफलताओं को छुपाने वाले नारे है। सरकार सोचती है कि event और advertisements पर करोड़ों रुपये ख़र्च कर हिमालय जैसी नाकामियों को वो छिपा लेगी।
आप सबको पता है कि 18 सितंबर से मोदी सरकार ने 5 दिनों का संसद का विशेष सत्र बुलाया है।
लंबे सस्पेंस के बाद चंद बातें एजेंडे के तौर पर आयी हैं, जिसमें प्रमुख है चुनाव आयोग पर सरकार का पूर्ण नियन्त्रण। पर हमें सत्ता दल की मंशा पर सतर्क रहना होगा। ये सरकार विपक्ष विहीन संसद चाहती है। वो नहीं चाहती है कि उससे कोई सांसद, मीडिया या आम लोग सवाल पूछें।
PM और BJP नेताओं के हमलों से हमारे INDIA गठबंधन की 3 बैठकों की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारा कारवां जैसे जैसे आगे बढ़ेगा, इनके हमले तेज होंगे।
INDIA गठबंधन की मुंबई बैठक के बाद ED, IT, CBI को सरकार ने विपक्षी नेताओं से राजनीतिक बदला लेने के लिए लगा दिया है। ये स्वस्थ लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। लेकिन अफ़सोस कि यही हकीकत है।
हम सब देख रहे हैं कि G-20 के आयोजन के बाद सरकार किस कदर खुद की वाहवाही मे डूबी है।
रोटेशन से होने वाली G-20 बैठक पर दिल्ली में 4,000 करोड़ रुपया खर्च हुआ और रोटेशन में अब G-20 की लीडरशिप ब्राजील को मिल गयी है।
इस संबंध में मैं पंडित नेहरू के AICC के 1953 के हैदराबाद महाधिवेशन के भाषण की चंद लाइनें quote करना चाहूँगा। जिससे पता चलता है कि उस दौर से ही भारत की दुनिया में कैसी हैसियत बनने लगी थी। उन्होंने कहा था,
“यद्यपि हमारे पास न कोई बड़ी फ़ौजी ताक़त है और न आर्थिक या माली ताक़त अच्छी हैं फिर भी क़ौमों की पंचायत में इस देश की इज़्ज़त रोज़-बरोज़ बढ़ रही हैं। आज़ादी हासिल हुए 5 साल हुए हैं, पर इतने थोड़े-से समय में हिंदुस्तान ने बड़ी इज़्ज़त हासिल की है जिसके साथ ही इस पर नई ज़िम्मेदारियाँ बढ़ गई हैं। इतिहास में शायद ही इसकी कोई मिसाल हो, कि किसी देश ने आज़ाद होने के पाँच साल के अंदर ही ऐसा महत्व हासिल किया हो।”
फिर भी मैं उम्मीद करता हूं कि मोदी सरकार जश्न मनाना छोड़कर जनता के सरोकार और ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान देगी।
कल Extended CWC में तेलंगाना तथा अन्य राज्यों और लोक सभा के चुनाव के बारे में हम बहुत विस्तार से चर्चा करेंगे, रणनीति बनाएंगे।
हमें यहां से कुछ ठोस फैसला करके जाना है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक करोड़ों साथियों को भविष्य़ की राजनीति के लिए संदेश भी देना है।
यहां मौजूद साथियों से अपील करना चाहूंगा कि वे अपनी बात संक्षेप में रखें। अगर कोई साथी एक बात रख चुका है तो आप उसे रिपीट न करें।
यहां की भीतरी चर्चा में जिन बातों की गोपनीयता बनाए रखना चाहिए वो बवी रहे ।

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क्या बोले राहूल गॉधी।

आज, कांग्रेस अध्यक्ष, मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष, सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ हैदराबाद, तेलंगाना में कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक में सम्मिलित हुआ।
देश की हर आवाज़ महत्वपूर्ण है – उन्हें सुनकर, उनके अधिकारों की रक्षा करने और सभी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से समर्पित है।
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हैदराबाद में CWC की बैठक में पास प्रस्ताव

राजधानी सदेश

1. सबसे पहले, कांग्रेस कार्य समिति जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए हमारे बहादुर सैन्य अधिकारियों और सैन्य कर्मियों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है। जब इस त्रासदी की ख़बरें सामने आ रही थी और देश शोक मना रहा था तब भाजपा और प्रधानमंत्री द्वारा ख़ुद को G20 की बधाई देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में जश्न मनाना न सिर्फ़ बेशर्मी की पराकाष्ठा है, बल्कि जवानों की शहादत का अपमान है।

2. CWC पिछले एक वर्ष में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण योगदानों के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे की सराहना करती है। वह एक प्रेरणादायक नेता के साथ-साथ सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण की मुखर आवाज़ रहे हैं। वह निडरता के साथ मोदी सरकार के हमलों से संविधान को बचाने के लिए आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। वह लगातार प्रधानमंत्री को उनकी जनविरोधी नीतियों और कार्यक्रमों के लिए ज़िम्मेदार ठहराते रहे हैं।

3. कांग्रेस कार्य समिति राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ पर प्रसन्नता व्यक्त करती है। यात्रा देश की राजनीति में एक परिवर्तनकारी घटना थी। जिसका उद्देश्य भारत को तोड़ने वाली शक्तियों के खिलाफ़ लोगों को एकजुट करना; बढ़ती असमानता, घटती आय, बढ़ती बेरोज़गारी और आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों के विरुद्ध लोगों की आवाज़ उठाना; और बढ़ती तानाशाही, लोकतांत्रिक संस्थानों पर कब्ज़े और हमारे संघीय ढांचे पर हो रहे हमलों का विरोध करना था। CWC का संकल्प है कि हमारा पार्टी संगठन हर स्तर पर भारत जोड़ो यात्रा की भावना, उसके विचार और उद्देश्यों को आगे बढ़ाता रहेगा। साथ ही इसे हमारे देश के हर हिस्से में जीवित रखेगा। CWC का यह भी बिल्कुल स्पष्ट रूप से मानना है कि राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा था। उनकी संसद सदस्यता फिर से बहाल होने पर CWC गहरा संतोष व्यक्त करती है। क्योंकि इससे सत्य और न्याय की जीत हुई है।

4. CWC मणिपुर में संवैधानिक तंत्र के पूरी तरह से ध्वस्त होने और वहां जारी हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त करती है। चार महीने से अधिक समय से राज्य में हिंसा और अशांति का दौर जारी है। इतने दिनों में भाजपा की ध्रुवीकरण की नीतियों की वजह से राज्य बुरी तरह से विभाजित हो जुका है। प्रधानमंत्री की चुप्पी और उपेक्षा, गृह मंत्री की विफलता और मुख्यमंत्री के अड़ियल रवैये ने बेहद ही ख़तरनाक स्थिति पैदा कर दी है। जहां सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच और सेना/असम राइफल्स और राज्य पुलिस के बीच बार-बार टकराव की ख़बरें सामने आ रही है। मणिपुर से जो चिंगारी निकली है, अब उसके बड़े पैमाने पर उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में फैलने की आशंका है। CWC मुख्यमंत्री को तत्काल हटाने और राष्ट्रपति शासन लगाने की कांग्रेस पार्टी की मांग को दोहराती है। CWC इस बात पर भी ज़ोर देती है कि सरकार लूटे गए हथियारों और गोला-बारूद को बरामद करने, पब्लिक ऑर्डर बहाल करने, हज़ारों प्रभावितों और राज्य के शरणार्थियों के लिए इस बेहद गंभीर मानवीय संकट को ख़त्म करने का प्रयास करे। साथ ही विभिन्न समूहों के बीच बातचीत के लिए एक रूपरेखा तैयार हो।

5. कांग्रेस कार्यसमिति याद दिलाना चाहती है कि लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री ने जातिवाद, सांप्रदायिकता और क्षेत्रवाद पर 10 साल के लिए रोक लगाने का आह्वान किया था। विडंबना यह है कि भाजपा और इस सरकार द्वारा अपनाई गई विभाजनकारी और भेद-भाव से भरी नीतियों एवं प्रधानमंत्री द्वारा लोगों को एकजुट करने के बजाय चुनिंदा मामलों पर अपनी चुप्पी की वजह से पिछले नौ वर्षों में ये तीनों ही समस्याएं कई गुना बढ़ गई हैं। उनकी सरकार ने ग़रीबों और कमज़ोर लोगों, विशेषकर महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की है। संसद के अंदर और बाहर भाजपा के नेताओं का राजनीतिक भाषण समाज में ज़हर घोलने वाला होता है। उनके बयान नफ़रत फ़ैलाने वाले और हिंसा को बढ़ावा देने वाले होते हैं। वे विभाजनकारी ताकतों को प्रोत्साहित करते हैं और समाज का ध्रुवीकरण करते हैं। भाजपा के नेताओं और प्रवक्ताओं ने पिछले प्रधानमंत्रियों, विशेष रूप से जवाहरलाल नेहरू के योगदानों को कम करके दिखाने और आंकने की कोशिश की है। साथ ही उनकी छवि को भी विकृत किया गया है। राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाने और उनके ख़िलाफ़ राजनीतिक प्रतिशोध के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है। भाजपा सरकार ने सहयोगात्मक संघवाद के सिद्धांतों और प्रथाओं को नष्ट कर दिया है।

6. कांग्रेस कार्यसमिति मोदी सरकार को MSP और अन्य मांगों के मुद्दों पर किसानों एवं किसान संगठनों से किए गए वादों की याद दिलाती है। किसान बढ़ते कर्ज़ के बोझ तले दबे हुए हैं। कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। नोटबंदी की मार और सरकार से किसी भी तरह का सपोर्ट न मिलने के कारण MSME सबसे ख़राब दौर में हैं। एक्सपोर्ट मार्केट सिकुड़ गया है और निर्यात में गिरावट आई है। निवेश और उपभोग का इंजन मंद पड़ा हुआ है। सरकार अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में विफल रही है। आर्थिक परिदृश्य निराशाजनक बना हुआ है। ऐसा लगता है कि इस सरकार की एकमात्र चिंता सिर्फ़ हेडलाइन मैनेजमेंट है।

7. CWC बढ़ती बेरोज़गारी और विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं की क़ीमतों में लगातार वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है। वादे के अनूरूप हर साल दो करोड़ नौकरी देने में विफल रहने के बाद प्रधानमंत्री का तथाकथित रोज़गार मेला तमाशा के अलावा कुछ नहीं है। यह पूरी प्रक्रिया सिर्फ़ और सिर्फ़ धोखा है। 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना करवाने में विफल होना शर्म की बात है। इसके कारण अनुमानित रूप से 14 करोड़ भारतीयों को अपने भोजन के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। क्योंकि 2011 की जनगणना के हिसाब से जारी राशनकार्ड पर ही अभी लोग राशन ले पा रहे हैं। CWC जाति जनगणना कराने से मोदी सरकार के इंकार को भी रेखांकित करती है। पूरे देश से जाति जनगणना की मांग उठ रही है। इस मांग को मानने से भाजपा के इंकार ने सामाजिक और आर्थिक न्याय के प्रति उसकी प्रतिबद्धता की कमी के साथ-साथ पिछड़े वर्गों, दलितों एवं आदिवासियों के प्रति उनकी सोच को सबके सामने ला दिया है। इस संदर्भ में, CWC अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और OBC के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने का भी आह्वान करती है।
8. CWC नए संविधान के लिए शुरू की गई चर्चा और दुर्भावना से भरे तर्कों को सिरे से ख़ारिज करती है, जिसमें कहा गया कि इसकी मूल संरचना को बदला जा सकता है। बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर और उनके साथ के अन्य देशभक्तों द्वारा तैयार किए गए संविधान पर भाजपा सरकार के हमले की सभी लोकतांत्रिक शक्तियों द्वारा भर्त्सना की जानी चाहिए और विरोध किया जाना चाहिए। हमारा संविधान महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में हमारे स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को दर्शाता है। CWC मोदी सरकार के पाखंड और दोहरेपन को भी सबके समक्ष रखना चाहती है। प्रधानमंत्री एक तरफ़ दुनिया को महात्मा गांधी को लेकर उपदेश देते हैं दूसरी तरफ़ उनके ख़िलाफ़ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने वालों और उनकी विरासत पर हमला करने वालों को खुली छूट देते हैं।

9. इस सरकार के आने के बाद से संसदीय बहस और जांच लगभग गायब ही हो गई है। कई महत्वपूर्ण और दूरगामी कानून को उचित जांच और चर्चा के बिना जल्दबाज़ी में आगे बढ़ा दिया गया है। संसद में पेश किया गया मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति आदि) विधेयक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की स्वतंत्रता से गंभीर समझौता करने वाला है। सरकार अचानक संसद का विशेष सत्र बुला लेती है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सार्वजनिक चिंता और महत्व से जुड़े नौ गंभीर मुद्दों उठाए, जिन पर इस विशेष सत्र में चर्चा की आवश्यकता है। CWC इस पहल के लिए और पार्टी संगठन को मज़बूत करने में उनकी निरंतर अभिरुचि के लिए उन्हें धन्यवाद देती है। कांग्रेस कार्यसमिति महिला आरक्षण बिल को संसद के इस विशेष सत्र में पारित करने की माँग करती है।
10. CWC अडानी बिज़नेस ग्रुप के लेनदेन पर अबतक हुए और अभी भी लगातार हो रहे गंभीर एवं चौंकाने वाले खुलासों की जांच के लिए JPC की मांग को दोहराती है। क्योंकि अडानी ग्रुप प्रधानमंत्री की घनिष्ठ मित्रता और सरकार की पक्षपातपूर्ण नीतियों एवं प्रशासनिक उदारता का प्रमुख लाभार्थी रहा है।

11. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का प्रस्ताव देश के संघीय ढांचे पर एक और हमला है। मोदी सरकार ने राज्यों के कर राजस्व हिस्सेदारी में कमी करके, राज्यपाल के कार्यालयों का दुरुपयोग करके, विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने में बाधाएं उत्पन्न करके — जैसा कि कर्नाटक में फ़ूड सिक्योरिटी गारंटी के मामले में हुआ — सुनियोजित ढंग से संघवाद को कमज़ोर कर दिया है। केंद्र ने विपक्ष द्वारा शासित राज्यों को इमरजेंसी फंड और आपदा राहत देने से भी इंकार किया है – हिमाचल इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है, जहां बाढ़ और भूस्खलन से काफ़ी नुक़सान पहुंचा है।

12. CWC स्पष्ट शब्दों में चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ और नक्शा में अरुणाचल प्रदेश और भारत के अन्य हिस्से को शामिल करने जैसी उसकी उकसावे की नीति की निंदा करती है। यह बेहद अफ़सोसजनक है कि 19 जून, 2020 को चीन को क्लीन चिट देकर और भारतीय क्षेत्र पर क़ब्ज़े की बात से इंकार करके प्रधानमंत्री ने देश को गुमराह किया। उनका वह बयान न सिर्फ़ हमारे जवानों की शहादत का अपमान है बल्कि उससे चीन को सीमा का उल्लंघन जारी रखने के लिए भी प्रोत्साहन मिला है। CWC सरकार से चीन के साथ सीमा विवाद पर स्थिति स्पष्ट करने और भारतीय क्षेत्र की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए किसी भी चुनौती के ख़िलाफ़ मजबूत रुख अपनाने का आह्वान करती है।

13. कांग्रेस कार्यसमिति सांप्रदायिक एकता, सामाजिक, आर्थिक समानता, नौजवानों की अपेक्षाओं व एक सशक्त भारत की गौरव यात्रा में देशवासियों के साथ मज़बूती से खड़ी है। कार्यसमिति यह प्रण लेती है कि वह एक ऐसे देश का निर्माण करेगी जिसमें हर जाति व धर्म के लोग, अमीर, ग़रीब, नौजवान और बुज़ुर्ग सब गौरवान्वित महसूस करें।

14. अंत में, CWC इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) की निरंतर एकजुटता का तहे दिल से स्वागत करती है। इससे प्रधानमंत्री और भाजपा काफ़ी बौखलाए हुए हैं। CWC INDIA की पहल को वैचारिक और चुनावी रूप से सफल बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी के संकल्प को दोहराती है ताकि हमारा देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो, सामाजिक समानता और न्याय मे विश्वास रखने वाली ताकतें मज़बूत हों और लोगों को एक उत्तरदायी, संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह और ज़िम्मेदार केंद्र सरकार मिले।

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*हेैदराबाद मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष का भाषण*

राजधानी सदेश 17 सितंबर 2023, हैदराबाद

आदरणीय सोनिया गांधी,
राहुल गांधी , और
उपस्थित नेतागण
• Extended CWC की बैठक में शामिल सभी CWC सदस्यों, PCC अध्यक्षों, CLP और विधानमंडल दल के नेतागण और AICC पदाधिकारियों का स्वागत है।
• आज ऐतिहासिक दिन है। 1948 में आज ही के दिन हैदराबाद आजाद हुआ। कांग्रेस ने लंबी लड़ाई लड़ी। नेहरूजी और सरदार पटेल साहेब ने हैदराबाद को मुक्त कराया।

• हैदराबाद की इस बैठक के संदेश का देश इंतजार कर रहा है। आज का हमारा Agenda राज्यों के विधान सभा चुनाव और 2024 का लोक सभा चुनाव की तैयारी है।

• भविष्य की चुनौतियों से हम लोग अवगत हैं। ये चुनौतियाँ असल में भारतीय लोकतंत्र की चुनौतियां हैं। देश को संविधान को बचाने की चुनौती है। SC/ST/BC महिलाओं, ग़रीबों, अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बचाने की चुनौती है।

• कांग्रेस के अपने 138 सालों के गौरवशाली इतिहास में एक से एक बड़ी चुनौतियों पर विजय हासिल की।

• अगले 2- 3 महीनों में 5 राज्यों के चुनाव तय हैं। लोक सभा चुनाव महज़ 6 महीने दूर हैं।

• जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, हमें ये भी ध्यान रखना होगा।

• छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हमारी राज्य सरकारों ने सामाजिक न्याय का नया मॉडल बनाया है। इसके बारे में हमें पूरे देश को बताना है।

• कांग्रेस ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले 2 महीनों में हमने 20 राज्यों के पदाधिकारियों और प्रमुख नेताओं के साथ विस्तार से बैठक कर वहां की रणनीति बनायी।

• इन बैठकों में राहुल जी भी शामिल हुए। हम लोगों ने सभी की बातें ध्यान से सुनी और जरूरी निर्देश भी दिये।

• पिछले दिनों हम लोग चुनावी राज्यों में कई रैलियों में भी गए। प्रियंका जी भी जन सभा कर रही हैं। हर जगह कांग्रेस के पक्ष में अच्छा वातावरण है।

• परंतु मैं यहाँ बैठे सभी PCC अध्यक्षों से पूछना चाहता हूँ कि क्या आपकी मंडल, BCC/ DCC कमेटियां तैयार है? जिन प्रदेशों में कमेटियां बन गई हैं, क्या हम वहाँ पर नियमित कार्यक्रम कर रहे हैं? क्या संभावित उम्मीदवारों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है ?

• हमें वोटर के साथ लगातार संपर्क में रहना है। उनके सवालों का जवाब देना है। विरोधियों द्वारा फैलायी जा रही झूठी बातों की हमे तुरंत काट करनी है। मुद्दों और तथ्यों के आधार पर अपनी बात रखनी है।

• हमे अपनी ताक़त दिखानी होगी। इस तानाशाह सरकार को हटाकर भारत के लोकतंत्र को बचाना होगा।

• देश बदलाव चाहता है, ये संकेत हमारे सामने है। हाल के चुनावों में कर्नाटक और उसके पहले हिमाचल प्रदेश में हम विजयी रहे, ये इस बात का प्रमाण हैं।

• ये आराम से बैठने का समय नहीं है। दिन-रात मेहनत करनी होगी।

• हम सभी के जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते है, पर हमें हमेशा discipline में ही रहना चाहिए।

• ये ध्यान रखें कि हम ego या अपनी वाहवाही के लिए ऐसा कुछ न करें कि पार्टी का नुक़सान हो जाये।

• discipline के बग़ैर कोई leader नहीं बनता। हम ख़ुद discipline में रहेंगे तभी लोग हमारा अनुकरण करेंगे, हमारी बात मानेंगे।

• हैदराबाद में ही 1953 में कांग्रेस महाधिवेशन में पंडित जवाहर लाल नेहरूजी ने कहा था-

“हमें सदा सारे देश की बात सोचना है और हर काम इस बड़े मकसद के लिए करना है।…पर हम एक पार्टी के सदस्य हैं और हममें वह अनुशासन की भावना होनी चाहिए जो किसी भी पार्टी के लिए जरूरी है।”

• कर्नाटक में हम एकजुट रहे, जिसका नतीजा सबने देखा।

• जहां हमारी राज्य सरकारें हैं, उनके अच्छे कामों को प्रचारित करना है। हमें ये भी बताना है कि केंद्र सरकार कैसे हमारी सरकारों की प्रगति में रोड़े डालती है।

• जहां हम विपक्ष में हैं, वहां सत्तादल की ख़ामियाँ और जन विरोधी नीतियों को हमें expose करना है।

• मोदी सरकार जनता के मूल-भूत मुद्दों से भटकाने के लिए, नए-नए मसले लाकर distract और divert करने की राजनीति करती है।

• पिछले दिनों INDIA गठबंधन की मुंबई बैठक के दौरान मोदी सरकार ने ‘One Nation One Election’ पर कमेटी बना दी। सारी परंपराओं को तोड़ कर अपने एजेंडा के लिए पूर्व राष्ट्रपति को भी शामिल कर लिया।

• बेतुके फ़ैसले लेने में मोदी सरकार का कोई जवाब नहीं।

• संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद कांग्रेस ने रखी है। इसलिए इनकी रक्षा का जिम्मा भी कांग्रेस पर ही है। इसके लिए आखिरी सांस तक लड़ना होगा।

• 2024 में महात्मा गांधीजी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है। 2023 कांग्रेस सेवादल की शताब्दी है।

• 2024 में BJP को सत्ता से बेदख़ल करना महात्मा गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

• इसलिए तमाम बुनियादी मुद्दों को हमें लगातार उठाना है।

• हैदराबाद से हम यही संकल्प लेकर जाएँगे कि आनेवाली विधानसभा चुनावों में हम सारे राज्य और 2024 लोक सभा जीत कर जनता को उनकी परेशानियों से निजात दिलाएँगे।

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