न्यायमूर्ती के रूप में, न्याय के मन्दिर में भगवान देखने को मिले,, जब न्यायमूर्ति तुषार गुप्ता कोर्ट ने प्रशांत विहार थाने के इंस्पेक्टर को लगाई कड़ी फड़कार।
माननीय न्यायमूर्ति श्री तुषार गुप्ता मेट्रोपोलिटीन मजिस्ट्रेट जिला रोहिणी कोर्ट
न्यायमूर्ती के रूप में, न्याय के मन्दिर में भगवान देखने को मिले
जब न्यायमूर्ति तुषार गुप्ता कोर्ट ने प्रशांत विहार थाने के इंस्पेक्टर को लगाई फड़कार।
दिल्ली मोंटू कुमार राजधानी संदेश
नई दिल्ली के रोहिणी कार्ट में जो हुआ उसे जानकर देख कर,कोर्ट – कचहरियों में न्याय के लिए चक्कर काट कर मायूस हो गए लोगों मैं जागी इंसाफ की उम्मीद। न्यायमूर्ती तुषार गुप्ता की कोर्ट में जो हुआ उसे जानकर लोगों में इंसाफ मिलने की किरण जरूर जागेगी । जिला कोर्ट रोहिणी के कोर्ट मे इन्साफ का सूरज देखने को मिला । एक पल तो ऐसा लगा,जैसे इन्साफ करने माननीय न्यायमूर्ती तुषार गुप्ता के रुप में स्वय भगवान चलकर आ गए हों! ऐसा नहीं है कि इस देश में न्याय मिलने की उम्मीद खो गई हो ! हमे हिम्मत नही हारनी चाहिए। मायूश ना हो, कड़ी मेहनत और लंबा समय जरूर कोर्ट के चक्कर में लग सकता हैं परन्तु न्याय भी मिलता है। *जानें कैसे*? दिनाक 23 सितंबर 2023 को रोहिणी कोर्ट के न्यायमूर्ति माननीय मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट श्री तुषार गुप्ता की अदालत में एक मामला आया, जो रोहिणी दिल्ली के प्रशांत विहार थाने के अंतर्गत 2021 में दर्ज़ किया गया था। जिसमे पीड़िता द्वारा विडियो सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मुहैया कराई गई थी । लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने लापरवाही कर, केस में लिपापोती की अरोपियों को एनट्रेस्ट दिखा चार्जशीट दाखिल की । पीड़िता ने न्यायमूर्ति माननीय श्री तुषार गुप्ता की अदालत को संज्ञान कराते हुए बताया कि एक न्यूज कवरेज के दौरान कुछ लोगों ने बदसलूकी की थीं,जो वकील की भेषभूसा में दिख रहे थे ! बतमिजी, कर मोबाइल छीन लिया था । पीड़िता ने कहा घटना से संबंधित वीडियो और सीसीटीवी फुटेज प्रशांत विहार थाने में इंक्वारी ऑफिसर को दिए गए थे,! बावजूद इसके आरोपियों को बचाया गया और एनट्रेस्ट बतायां।, पीड़िता ने कहा कि बाकी अदालत की मर्जी है, जो करें इंसाफ।
इस मामले पर जिला न्यायालय माननीय मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तुषार गुप्ता कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए प्रशांत विहार थाने के इंस्पेक्टर से कई सवाल किए जिसके जवाब देने में इंस्पेक्टर असमर्थ रहे और पुलिस की लापरवाही सामने आई।अदालत ने पुलिस से पूछा आपने पीड़िता को कितनी बार जॉच के लिए थाने बुलाया ?
आरोपियों को कहां- ढूंढा ?न्यायमूर्ति तुषार गुप्ता ने कहा की सीसीटीवी फुटेज, वीडियो दिए गए थे वह कहां है ?
प्रशांत विहार थाना की पुलिस कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई । इस पर अदालत संदेह जताया। इस दौरान जज साहब ने पीड़िता से भीं कई सवाल किए जिनका जवाब में कोर्ट में दर्ज़ कराया गया। पड़ी इंस्पेक्टर पर कोर्ट की कडी फटकार। न्यायमूर्ति ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, एनट्रेस्ट चार्जसीट दाखिल कर रहे हो क्यो? 2 सालों से क्या कर रहे थे ? अपने केस स्टडी तक नहीं किया, न्यायमूर्ति तुषार गुप्ता की अदालत ने जिस प्रकार के सवाल पूछे उसमें पुलिस जवाब देने में लचर, असमर्थ दिखाई दी ,इंस्पेक्टर से कोर्ट में ही केस स्टडी कराया। इस पर इंस्पेक्टर ने कोर्ट में अपनी गलती को माना, और शॉर्ट डेट देने का कोर्ट से आग्रह किया । कोर्ट ने पुलिस को 11 अक्टूबर तक समय दिया।
केस में अगली सुनवाई 11 अक्टूबर 2023 को होगी । यह केस साबित करता है कि देश के अंदर आज भी न्यायमूर्ति तुषार गुप्ता जैसे ईश्वररूपी जज मौजूद है जिनके चलते जनता में न्याय पाने की उम्मीद जागृत होती दिख रही है । इंसाफ पाने की उम्मीद खो चुके लोगों को हम बताना चाहते हैं कि एक पत्रकार के साथ 2021 में कोर्ट के बाहर वारदात को अंजाम देने वाले लोगों को अदालत तक लाने के आदेश न्यायमूर्ती तुषार गुप्ता की कोर्ट ने जारी कर दिए हैं । जिसके आदेश सख़्त लहज़े में प्रशांत विहार थाने की पुलिस को दिए गए हैं और यही नहीं न्यायाधीश ने महिलाओं के इंसाफ मे लापरवाही के लिए कड़ा रुख अख्तियार किया है।