रोडवेज की कंडम बस फ्लोर में छेद,चार वर्षीय मासूम के गिरने की घटना ने खोली रोडवेज की हालत की पोल
बच्चे का गिरना लापरवाही का परिणामः- प्रभुलाल सैनी
राज्य सरकार ने किया रोडवेज बंद कर निजी बसों को प्रोत्साहन देने का कार्ये
जयपुर गीता चौहान राजधानी संदेश 25 अक्टूबर 2023।
एक तरफ पार्टियां चुनाव में पैसा पानी की तरह बहाती है तो वही दूसरी तरफ़ सरकारों की लापरवाही के चलते लोगों की जान खतरे में डालने का सबब बनाती हैं। उनकी लापरवाही जब सामने आती है जब कोई बड़ी घटना घट जाती है । जी हां बात करेंगे राजस्थान के कंडम रोडवेज बस की जिसके फ्लोर में छेद था जिसे रिपेयर कराना जरुरी नहीं समझा और उसे छेद के रास्ते से 4 वर्षीय बच्ची सड़क में जा गिरी आपको बता दें गनीमत है की बच्ची जो है बीच में गिरी अगर साइड में गिरती तो मासूम बस के नीचे आकर अपनी जान से हाथ धो बैठती। भाजपा के प्रवक्ता वा भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी ने एक बयान जारी कर कहा कि बारां जिले में रोडवेज बस की कंडम बॉडी के कारण उसके फ्लोर में छेद होने और चलती बस में उस छेद से 4 वर्षीय मासूम के गिरने की घटना सरकारी लापरवाही का बडा उदाहरण है। कांग्रेस शासन में पांच वर्षों तक रोडवेज को बंद किए जाने के प्रयास होते रहे और इसके कारण नई बसों की खरीद बंद कर पुरानी व खटारा बसों को सडकों पर दौडाने का अंजाम है कि अब राज्य में इस प्रकार की अनहोनी घटना भी होने लगी है। सरकार की अनदेखी के कारण हो रही इन सभी घटनाओं का हिसाब राज्य की जनता आने वाले चुनावों मे करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में रोडवेज का घाटा बढने के नाम पर जहां कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है वहीं सरकार ने अपने कार्यकाल में नई बसों की नाममात्र खरीद की है। इसके कारण रोडवेज बेडे में बसों की संख्या लगातार कम हो रही है और पुरानी बसों को ही सडकों पर दौडाया जा रहा है। हाल यह है कि पुरानी बसों के संचालन में लागत भी डेढ गुनी बढ गई है जिससे घाटा बढ रहा है। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार रोडवेज के स्थान लोक परिवहन के नाम पर निजी बसों को बढावा दे रही है। इसके साथ ही मुख्य मार्गों पर निजी बसों की मनमानी बढ रही है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि बसों की खराब हालत के कारण बार बार ब्रेक डाउन होने से यात्रियो को परेशानी हो रही है। अब तो हालात इतने विकट हो चुके हैं कि इन बसों की बॉडी भी पूरी तरह से गल चुकी है। बारां की घटना इसका जीवंत उदाहरण है। बारां से नाहरगढ़ जा रही रोडवेज की खस्ताहाल बस में मां के साथ सीट पर बैठी चार वर्षीय बालिका बस के फ्लोर में हो रहे बड़े छेद से नीचे सड़क पर जा गिरी। बेटी को नीचे गिरी देख मां-पिता के शोर मचाने पर चालक ने बस रोकी। फिर बस को घुमाकर वापिस पीछे ले गए। जहां सड़क पर बालिका घायल पड़ी मिली। हादसे के बाद बालिका को उपचार के लिए केलवाड़ा अस्पताल भर्ती कराया गया। यह तो गनीमत रही कि मासूम सडक पर बीच में गिरी, अगर साइड में गिरती तो बस के टायर के नीचे आ जाती। इस घटना से राजस्थान रोडवेज की बसों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार ने रोडवेज को कहां पहुंचा दिया है।